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पंढरीची वारी

*जागतिक साहित्य कला व्यक्तित्व विकास मंचच्या सन्मा सदस्या ज्येष्ठ लेखिका कवयित्री प्रतिभा पिटके लिखित अप्रतिम अभंग रचना*

 

*पंढरीची वारी*

 

 

सावळ्या विठ्ठला।आस दर्शनाची।।

योजना वारीची। पंढरीस।।1।।

 

 

मनी हर्षं दाटे। पाऊले चालती।।

वारीची महती। सांगू किती।।2।।

 

 

नसे देहभान। नेत्र सुखावती।।

वारकरी येती। आनंदाने।।3।।

 

 

आषाढी कार्तिकी। पहा देवराया।।

धन्य होई काया। दर्शनाने ।।4।।

 

 

जया जैसा भाव। विठू तैसे देई।

राही रखुमाई । उभ्या तेथे।।5।।

 

जन्माचे सार्थक। वारीस जाऊन।

विठुस भेटून। तृप्त मन ।।6।।

 

 

सांगते प्रतिभा। वारीची महती।

होईल उन्नती। जीवनाची।।7।।

 

 

 

प्रतिभा पिटके

अमरावती

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