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ख्वाहिश

*न्यू स्टोरी टुडे वेब पोर्टल के ठाणे जिल्हा ब्युरो चीफ तथा दै.ठाणे वैभव के स्तंभलेखक, पत्रकार ॲड.रुपेश पवार का लिखा हुआ बेहतरीन काव्य*

 

*ख्वाहिश*

 

आसमान की बुलंदी तक मेरे ख्वाब है

लेकिन वो जल्द आसानी से पूरे नहीं होते

 

क्योंकि जिंदगी के हर एक मोड़ पर

फूलों के काँटे बिछाए रहते हैं

उसे आर पार कर के हमें जाना पड़ता है

 

मैं आज तक गिरकर संभलते हुए

यहां तक पहुंच चुका हूं

लेकिन मेरी आगे की ख्वाहिश कब पूरी होगी

ये मैं बतला नहीं सकता, मेरी कोशिश जारी है

 

बस येही आपने हाथों में होता है

उससे अपने ख्वाब और मजबूती से पूरे होते हैं

आसमान की बुलंदी को छू भी सकते हैं

 

ॲड.रुपेश पवार, ठाणे

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