*जागतिक साहित्य कला व्यक्तित्व विकास मंचकी सन्मा. सदस्या कवयित्री अरुणा दुद्दलवार की लिखी हुई बेहतरीन कविता*
*सावन*
बारीश बुंदे
लेकरं आया सावन
ऋतू मनभावन
सुहाना….
हरेभरे वृक्ष
हंसती खेलती टहनियाॅं
चिडियोंका आशियाॅं
उनपर....
गूॅंज उठती
मधूर तान कोयलकी
पुकार उसकी
सुनो…..
रंगबिरंगी फूल
लगे खिलखिलाकर मुस्कुराने
तितलियाॅं उडने
लगती….
भॅंवरोंका गूंजन
नाद अविरत सुंदर
किरन धरापर
पहुॅंचते….
झरनोंकी कलकल
उफनती हुई नदियाॅं
घास लहलहाया
हराभरा….
मनकी प्रसन्नता
फिरसे लाती बहार
बारीशकी फुहार
सावन….!!
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अरुणा दुद्दलवार