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चौसष्ट कला

*जागतिक साहित्य कला व्यक्तित्व विकास मंच सदस्य ज्येष्ठ लेखक कवी गझलकार श्री अरविंद ढवळीकर लिखित अप्रतिम काव्यरचना*

*चौसष्ट कला*

वेद शास्र पुराणांचे स्थान जीवनी कीं नेणत्या
जाणणारे जाणती कला चौसष्ट या कोणत्या l
रतनरौप्य परीक्षा ही म्लेंछित कला विकल्प
अक्षर मुष्टिका कथन तैसेच क्रिया विकल्प ll

वृक्षायुर्वेद योग, रस पानक,तसे आकर ज्ञान
धातुवद, दुर्वाच योग, शुकसारिका प्रलापन l
अभिधान कोष, पट्टीका वेत्र वाण कल्प, ज्ञान
वैनायकी, वैजापैकी, व्यायामिकी ही विज्ञान ll

चित्र शब्दा पूप भक्ष विपाक, आकर्षण क्रिया
वास्तुविद्या, बालक्रीडा, हस्तलाघव, प्रहेलिका l
पुस्तकवाचन, प्रतिमाला, कौचुमार, छन्दोज्ञान
समस्यापूर्ती काव्याची संपाठय धारण मातृका ll

भाषाज्ञान, कायाकल्प, माल्यग्रन्थ विकल्प ही
द्यूत क्रीडा गन्धयुक्ती, वस्त्रगोपन मणी भूमिका l
पुष्पवाटिका निमित्त ज्ञान अत्तरविकल्पही तसे
माल्यग्रथन, मणिराग ज्ञान, चित्रयोग यंत्रमातृका ll

विषेक छ्न्दज्ञान, मेशकुक्कुटलावक छलिक योग
तण्डुल कुसुमावती विकार, मानसी काव्यक्रिडा ही l
नृत्यज्ञान, गीतज्ञान, केशशेखर पीड ज्ञान सहित
उदकघात, उदकवाद्य, पुष्पास्तरण, चित्रकला पाही ll

तुर्ककर्म, शयरचना, दशनव सतांग राज, कौशल्य
नाट्य आख्यायिका दर्शन, या सह केशमार्जन मर्म l
नेपथ्य योग, कर्णपत्र भंग, इंद्रजाल, उत्सादन क्रिया
तक्षण कर्मं, आभूषण भोजन, सूत्र तथा सूचीकर्म ll

अरविंद

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