You are currently viewing ।।श्रीराम।।

।।श्रीराम।।

*जागतिक साहित्य कला व्यक्तित्व विकास मंच सदस्य लेखक कवी गीतकार संगीतकार अरुण गांगल यांची अप्रतिम भक्तिरचना*

 

*।।श्रीराम।।*

 

श्रीरामाचे जीवन आदर्श शिकवे रामायण

उच्चारता श्रीराम वाटे श्रद्धा विश्राम स्थान।।ध्रु।।

 

वाल्मिकी,विलंका,कृतिवास,तुलसी रामायण

कबंध,द्विपाद,संक्षेप दुकांडी रामायण

भावार्थादी शत रामायणे शिकवी सद्गुण।।1।।

 

रामायणात जन करिती कर्तव्य निती पालन

राजनितीत राष्ट्रविचाराला महत्त्व अनन्य

राजकारणे राष्ट्र जीवनाचे केले भरणपोषण।।2।।

 

जीवनमूल्ये सुरक्षित हवी सांगे रामायण

रामाचे जीवन दावी राष्ट्र पूजेचे उपकरण

ऋषीमुनी संतांचे घडे त्यागी-विरागी दर्शन।।3।।

 

राम विरक्त इतरां विषयी अनुरक्त जाण

वसिष्ठ विश्वामित्र भरतां करती मार्गदर्शन

राजनिती त्याग आरती शिकवे प्रभू जीवन।।4।।

 

रामराज्यात पंथ भेदाभेद नाही सर्व समान

विश्वाला देई निर्भेळ शांती संदेश प्रेरणास्थान

पांडवांना प्रेरणा मिळाली रामचंद्रा कडून।।5।।

 

रामराज्य भारतीय संस्कृतीचे प्रगटीकरण

पातिव्रत्य जपावे सीतामाईची शिकवण

बंधू भरत शत्रुघ्न लक्ष्मण भ्राता हनुमान।।6।।

 

काव्य:श्री अरुण गांगल. कर्जत रायगड महाराष्ट्र.

पिन.410201.

Cell.9379811677.

प्रतिक्रिया व्यक्त करा

five × five =