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संत गाडगेबाबा

जागतिक साहित्य कला व्यक्तित्व विकास मंच सदस्या ज्येष्ठ लेखिका कवयित्री सौ ज्योत्स्ना तानवडे यांनी गाडगेबाबांच्या पुण्यतिथी निमित्ताने लिहिलेला अभंग

शेणगाव ग्रामी | जानोरकरांचा |
तनय सखुचा | डेबूजी हा ||१||

फुटके गाडगे | हाती झाडू असे |
‘गाडगेबाबा’ हे | नाम मिळे ||२||

वैज्ञानिक दृष्टी | सुधारकी वृत्ती |
तळमळ चित्ती | जनाप्रती ||३||

ग्रामस्वच्छतेची | कास उध्दाराची |
जोड कीर्तनाची | त्यासी देई ||४||

कर्ज काढू नये | अंधश्रद्धा नको |
देवा बळी नको | भूतदया ||५||

शिक्षण,स्वच्छता | चारित्र्य शिकवी |
सन्मार्ग दाखवी | कर्मयोगी ||६||

माणसात देव | त्याची करा पूजा |
शिक्षणासी भजा | निरंतर ||७||

बांधी धर्मशाळा | अनाथालयासी |
आश्रम शाळेसी | उभारिले ||८||

हरी भक्तीरस | चाखण्यात गोडी |
भेदाभेद सोडी | शिकविले ||९||

गोपाला गोपाला | देवकीनंदन |
गोपाला भजन | नित्य वदे ||१०||

ज्योत्स्ना तानवडे.
वारजे, पुणे.५८

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