*जागतिक साहित्य कला व्यक्तित्व विकास मंचके सन्माननीय सदस्य कविवर्य वैद्यराज भूपाल त्र्यंबक देशमुख की लिखी हुई बेहतरीन कविता*
*🧍🏽🧍🏽खड़ा हूँ मै🧍🏽🧍🏽*
गाडी पे तेरी सीट तो एक ही है तेरे ही लिये
पीछे बैठने की जगह नही खड़ा हूँ मै ।।
हमने तुम्हे जिस डाली पे बिठाया है
बग़ल में बैठने की जगह नही खड़ा हूँ मै ।।
सपने में मेरी एक तू ही है मेहबूबा मेरी
मेरे सपने में मुझे जगह कहाँ खड़ा हूँ मै ।।
हमने तुम्हे हमारे दिल में बिठा लिया है
अब पास बैठने की जगह नही खड़ा हूँ मै ।।
*©सर्वस्पर्शी*
©कविवर्य वैद्यराज भूपाल त्र्यंबक देशमुख.
९८२३२१९५५०
