*जागतिक साहित्य कला व्यक्तित्व विकास मंचचे सन्मा सदस्य कवी गीतकार गायक संगीतकार अरूण गांगल लिखित अप्रतिम काव्यरचना*
*”श्री परशुराम जन्मोत्सवा निमित्त वंदन! सर्वांना शुभेच्छा!”*
परशुराम विष्णू अवतार तुज नमन
चिरंजीव भारतीय संस्कृतीचा बहुमान।।धृ।।
परशुराम जन्मले अक्षयतृतीया सुदिन
लाभे रेणुका-जमदग्नी मात-पिता महान
शोभे बंधु रुमण्वत वसु विश्वावसु सुषेण
भार्गव भार्गवराम जामदग्न्य अन्य नाम।।1।।
चतुर्वेद मुखोद्गत शस्त्र-शास्त्र निपूण
क्षात्र तेज महाकाय शिष्य कश्यपांचा जाण
मिळविला परशुशांकर धनुर्विद्या शिकून
योद्धा प्रबळ शस्त्रे करी दुष्टांचे संहारण।।2।।
जपे प्रजाहित बुद्धिवंतांना देई प्रोत्साहन
संहारी-शाप देई तपस्वी परशुराम जाणं
दुर्बलांचा त्राता राज्य ज्ञानी दानी बुद्धिमान
राम कृष्ण पांडव सर्वां करी मार्गदर्शन।।3।।
सागरासी हटवून निर्मिले सप्त कोकण
नद्याजोड धरणे निर्मिती शेती प्रवीण
तिरुवंतपुर महेंद्रगड भडोच आसाम
ओडीसा कांगडा इराण देशोदेशी भ्रमण।।4।।
श्री अरुण गांगल.कर्जत रायगड महाराष्ट्र.
पिन.410201.Cell.9373811677.

