*जागतिक साहित्य कला व्यक्तित्व विकास मंच सदस्या ज्येष्ठ लेखिका कवयित्री ज्योत्स्ना तानवडे लिखित अप्रतिम अभंग रचना*
*!! मायबोली !!*
माय मराठीची | ओढ अंतरीची |
शान शारदेची | भाषा माझी ||
मायबोली गावी | जीवा वेड लावी |
अंगाईची ओवी | जननीची ||
मनाची गुपिते | जात्यावरी गाते |
आपसूक येते | ओठी माझ्या ||
पुराणे कथांची | ओवी ज्ञानेशाची |
ठेव अमृताची | अलौकिक ||
मनाच्या श्लोकात | गीतेच्या ज्ञानात |
संत साहित्यात | बोध आहे ||
कथा कवितांचा | ठेवा साहित्याचा |
लौकिक मानाचा | विश्वामाजी ||
सार्थ रसवंती | भाषा ओघवती |
देवी सरस्वती | स्वये बोले ||
ज्योत्स्ना तानवडे.
वारजे,पुणे.५८