*जागतिक साहित्य कला व्यक्तित्व विकास मंच के सदस्य ज्येष्ठ लेखक कवी प्रा.डॉ.जी. आर. उर्फ प्रवीण जोशी द्वारा लिखित अप्रतिम हिंदी काव्यरचना*
*आप्पा*
नयन कमल फुलोंसे प्यारे
भोले भाले जगत के दुलारे
ना हूये कभी ना होंगे दुसरे
मीरा रोड के आप्पा मनभावन लागे रे l
ना चले कभी वो बुरी चाल
हर दिन रहते सदा खुश हाल
आये स्वर्ग से सिधे धरती पर पधारे
मीरा रोड के आप्पा मनभावन लागे रे l
हलकी हलकी प्यारी सी हसी
उनके दर्शन से मिलती खुशी
दिव्य तेजोवलय से मिट जाते अंधेरे
मीरा रोड के आप्पा मनभावन लागे रे l
प्रो. डॉ.(प्रवीण) जी. आर. जोशी
अंकली बेळगांव
2 फरवरी 2022
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