*जागतिक साहित्य कला व्यक्तित्व विकास मंच सदस्य लेखक कवी गीतकार संगीतकार गायक अरुण गांगल लिखित अप्रतिम काव्यरचना*
*श्रीकृष्णाने सांगितलेली भगवत गीतेची काव्यमय महती.*
श्रीकृष्णाला शरण जावे होई जीवन उध्दार
भगवंतानी अर्जुनाला केले ‘गीतेने’ हुश्शार।।धृ।।
रविवारी एकादशीला सात हजार वर्षापार
पाऊण तासांत गीता कथिली कुरुक्षेत्रावर
अठरा अध्याय सातशे श्लोकांत परिपूर्ण सार
ज्ञान भक्ती कर्म योग शिकवते गीता सार।।1।।
धृतराष्ट्र संजय अर्जुनाने ऐकले गीता सार
भगवान सुर्यदेवाला ज्ञात पावन गीता सार
गीतेची माहिती उपनिषदांत आहे पूर्वापार
व्यासांनी महाभारतांत सांगितले गीता सार।।2।।
गीतेचे अन्य नांव गितोपनिषद सांगे सार
संबोधले श्लोक कृष्णांनी पाचशे चौर्याहत्तर
अर्जुनाने पंचाऐंशी धृराष्ट्राने कथिले एक
संजयाने चाळीस कथिले सातशे श्लोकांत सार।।3।।
आदित्य धाता मित आर्यमा शक्रा वरुण
अंश पुश सविता तवास्था विष्णू विवास्वान
वासु धर ध्रुव सोम अह अनिल अनल अन
प्रत्युष प्रभाष रुद्र बहुरूप त्र्यंबक हर।।4I I
अपराजिता वृषाकापी शंभू कपादि कुमार मृगव्याध शर्वा कपाली अश्विनी तेहतीस प्रकार
गीता पठण करणार तो यशस्वी होणार
ज्ञानेश्वरी शिकवते सोप्या भाषेत गीता सार।।5।।
श्री अरुण गांगल.कर्जत रायगड महाराष्ट्र.
पिन.410201.
Cell.9373811677.