*मिर्झा एक्सप्रेस के नाम से पहचाने जानेवाले डॉ.मिर्झा रफी अहमद बेग की कवयित्री अख़्तर पठाण के जन्मदिन अवसर पर लिखी हुई कविता.*
*सारी ख़ुशियाँ उसे मिले इस दुआओं के साथ ये छोटी कविता…*
🌹 *मिसाल* 🌹
क्या करू तारीफ तेरे मासूमियत की,
ज़िंदा मिसाल हैं तू इंन्सानियत की…।।
ज़िम्मेदारियों से नहीं डरती,
फ़र्ज़ अपना पूरा करती..।
आँखों में हिरेसी चमक हैं,
आँसुओं को फ़ूलों सी महक हैं..।।
बात ना कोई हैवानियत कि,
ज़िंदा मिसाल हैं तू इंन्सानियत की…*।।१।।*
बातोंमें कुछ ऐसा नमक हैं,
हसने में बिजली सी दमक हैं..।
नामसे तेरे चाँद निकलता,
तू ना बोले दिन नहीं ढ़लता..।।
सबमें मिल जाए ऐसी तबियत कि,
ज़िंदा मिसाल हैं तू इंन्सानियत कि…*।।२।।*
तू झौंका हैं एक हवा का,
नज़रें करती काम दवा का..।
जिसको तू साएं में लेले,
रातदिन वो ख़ुशियों में खेले..।।
बरकत वैसी जैसी नियत की,
ज़िंदा मिसाल हैं तू इंन्सानियत की…*।।३।।*
दर्द दिल का किसीसे न कहना
उसको छिपाकर हँसते रहना..।
ग़म के थपेड़े अकेले सहना,
सब्र करना तेरा हैं गहना..।।
कभी ना किसीसे क़ैफ़ियत की,
ज़िंदा मिसाल हैं तू इंन्सानियत की…*।।४।।*
तुझको क्या दू क्या तू चाहे,
ख़त्म हो तेरी आहें कराहें..।
तू हीं बता तुझे कैसे तोलू,
बस आख़िरी लफ्ज़ मैं बोलू..।।
फ़सल हैं तू अच्छे नसीहत की,
ज़िंदा मिसाल हैं तू इंन्सानियत की…*।।५।।*
कविता में अब आगे बढ़ना,
सिढ़ी दर बस सिढी चढना..।
मुसिबतों से जमकर लढना,
मेहनत से ज़िन्दगी मढ़ना..।।
बनोगी तूम बडे हैसियत की,
ज़िंदा मिसाल हैं तू इंन्सानियत की…*।।६।।*
उम्र हो लंबी सेहतमंद हो,
बिमारियों को खिडकी बंद हो..।
ख़ुशी मिले तुम्हें यहाँ वहाँ की,
रानी बनों तुम सारे जहाँ की..।।
चर्चा हो तुम्हारे ख़ासियत की,
ज़िंदा मिसाल हैं तू इंन्सानियत की…*।।७।।*
✍🏻 *डॉ. मिर्झा रफ़ी अहमद बेग.*
*(मिर्झा एक्सप्रेस)*
*अमरावती*
*मो.:- 9730337909*
*9423434350*