*जागतिक साहित्य कला व्यक्तित्व विकास मंच सदस्या राष्ट्रीय पुरस्कारित ज्येष्ठ लेखिका कवयित्री प्रा.सौ.सुमती पवार यांची काव्यरचना*
*प्यारी भारत मॅां …*
मुझे तिरंगे की आन, दे दूंगा जान,रखूंगा शान
ओ मोरी मैया
तू आन बान और जान हमारी
मै करू प्राण कुर्बान …
लथपथ है सीमा दर्द भरी तू जब
लडखडाकर चलती
भारतके सारे सपूत तेरे
करते कभी ना गलती ….
तू जानसे प्यारी मॅां है हमारी
कर देंगे निछावर तन मन धन
तेरे खून के ॲांसू ना निकले
है हिंदोस्ताका घरघर ….प्रण …
तू नहलाती फुसलाती है
उमंग भरी है खेतोमें
हरएक यहॅांपर खुश होनेके लिए
धारा बनती बरसातो में…
तुम नदियॅां हो तुम सागर हो
लहराती धान हो खेतोमे
इसिलिए देते है पेहरा
तू चैन से सोये रातोमें …
आंच न आने देंगे कभी मॅां
है वचन हमारा तेरे लिए
तू आजाद रहे इसिलिए
कुर्बान कितने बंदे हुए ….
जब करता हूं मैं याद उन्हे
अभिमान से छाती फुलती है
वो अमर रहे हैं धरतीपर
यांदोसे हमारी नहीं गए …
जबतक चॅांद सितारे मॅां
हम ॲांचल तेरा भरते रहे
और जनम जनम मॅां तेरे ही लिए
हम प्राण निछॅांवर करते रहे …
जयहिंद जयहिंद ….
जयहिंद की सेना …
जय हिंद … जयहिंद … जयहिंद …
प्रा.सौ.सुमती पवार नाशिक
(९७६३६०५६४२)
दि : २५ जानेवारी २०२२
वेळ : रात्री ७ : १५