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हमने

*जागतिक साहित्य कला व्यक्तित्व विकास मंच के सदस्य कवि वैद्यराज भूपाल त्र्यंबक देशमुख की लिखी हुई हिंदी कविता*

 

*🙏🍫👌हमने👌🍫🙏*

 

तूने मुझे चोर तो कह दिया दुनिया के सामने

अब ये भी बता दे की तुम्हारे दिल को चुराया है ।।

 

सारी हदें तो पार कर दी तुम्हे पाने के लिये

अब ये भी बता दे तुम्हारा दिल जो कमाया है ।।

 

आशिकी-ए-चिराग जलाया था तुम्हारे लिये मैने

अब ये भी बता दे तुम्हारा दिल जो गुर्राया है !!।।

 

कितनी बार बेवफाई करोगी मुझे छोडती तो नही !

अब ये भी बता दे तुम्हारा दिल जो समाया है ।।

 

तुम्हारे मन की झील में प्यार-ए-कमल दिखता है

अब ये भी बता दे तुम्हारे दिल पे लगाया है ।।

 

*©सर्वस्पर्शी*

©कविवर्य वैद्यराज भूपाल त्र्यंबक देशमुख.

९८२३२१९५५०

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