*जागतिक साहित्य कला व्यक्तित्व विकास मंचच्या सन्मा सदस्या ज्येष्ठ लेखिका कवयित्री पल्लवी उमेश लिखित अप्रतिम काव्यरचना*
*श्रीमद भगवदगीता…...*
अठरा अध्यायी गीता
सांगितली श्रीकृष्णाने
कुरुक्षेत्र बनले पावन
श्रीकृष्ण अमृत वचने
धर्म अधर्म संभ्रम
सोडविती लीलया
अर्जुनासी समजावी
थोर तत्ववेत्ता कृष्णा
अर्जुन विषाद घालवी
सांगे विविध योग धर्म
सांख्य कर्म पुरुषोत्तम
आत्मसंयम ज्ञानविज्ञान
विविध योगांचे निरूपण
करिसी ब्रह्मवेत्ता जगदीश्वर
निमित्त जाहला धनंजय
साक्षात अवतरली वागेश्र्वरी
बनली अठराध्यायी गीता
अजरामर ही घडे सेवा
अद्भुत महाभारत सरे मागे
सरस ठरली ही भगवदगीता
आता जन्माची पुण्याई
घडे आज नित्य सेवा
एकेक श्लोक अनुभवा
कित्येक युगे निश्चिंत रहा….
………………………………………..
©पल्लवी उमेश