*जागतिक साहित्य कला व्यक्तित्व विकास मंचच्या सन्माननीय सदस्या ज्येष्ठ लेखिका कवयित्री उज्ज्वला कोल्हे लिखित अप्रतिम अभंग रचना …*
*विठ्ठलाची वारी…*
आषाढ मासात | एकादशी आली |
वारकरी झाली | गोळा सर्व ||१||
युगे अठ्ठावीस | उभा विटेवरी |
कर कटावरी | ठेवुनिया ||२||
निघे वारकरी | विठूला भेटाया |
लागल्या वाजाया | टाळ झांजा ||३||
खेळत पाऊली | माऊली भजन |
भक्तीत सज्जन | रममाण ||४||
दिव्य असा बघा | ब्रम्हांडी सोहळा |
आनंदाचा मळा | फुलतसे ||५||
वैष्णवांचा मेळा| फुगड्या घालती |
रिंगण धरती | रस्त्यावर ||६||
अबिर गुलाल | वृंदा डोईवर |
हर्ष चराचर | अवघाची ||७||
चंद्रभागा स्नान | आत्म समाधान |
हरपते भान | नामघोष||८||
भक्त पंढरीत | घाली लोटांगण |
धरुनी चरण | विठ्ठलाचे ||९||
वारी परंपरा | संस्कृतीचे भान |
महिमा महान | एकादशी ||१०||
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👉 उज्ज्वला कोल्हे,uk
कोपरगाव