*जागतिक साहित्य कला व्यक्तित्व विकास मंचच्या सन्माननीय सदस्य ज्येष्ठ लेखिका कवयित्री स्मिता रेखडे लिखित अप्रतिम अभंग रचना*
*माऊली ( अभंग )*
मुखी हरिनाम | वृंदावन डोई |
वैष्णवांना होई | ब्रम्हानंद ||१||
माऊली माऊली | मृदंग चिपळ्या ||
लोचनी सावळ्या | अनुभूती ||२||
वैजयंतीमाळा | भागवत धर्म ||
ज्ञान भक्ती कर्म | फलश्रुती ||३||
अंतरी स्पंदने | मायेचे रिंगण ||
मांगल्य कोंदण | अश्वारूढ ||४||
आषाढाची वारी | राऊळी सोहळा ||
चरणी आगळा | भक्तीभाव ||५||
देवा पांडुरंगा | विश्र्वरुप तत्व ||
भक्तीभाव सत्व | हरिपाठ ||६||
अंभगात लीन | पढंरीचा राया ||
पडतो मी पाया | समर्पण ||७||
विठ्ठल नामाचा | गजर किर्तन ||
दिंडीत नर्तन | आराधना ||८||
विठु रखुमाई | चंद्रभागा तिरी ||
स्मिताची मंजिरी | तीर्थक्षेत्री ||९||
सौ. स्मिता श्रीकांत रेखडे.