जागतिक साहित्य कला व्यक्तित्व विकास मंच की सदस्या कवयित्री अख्तर पठान की कविता
पहली पहली बारिश का
प्यार भरा समा….।
इस प्यार भरे मौसम में
हमतूम दोनों जवाँ …।
इन हसीन वादीयों में
खिला खिला आसमाँ…।
यह हरियाली सा मन
लहराता यहाँ से वहाँ…।
पेडों ने ओढ़कर नई चादर
मौसम बनाया ख़ुशनूमाँ…।
दिल मचलकर कह रहा
और जवाँ हुए अरमाँ…।
याद आया भिगी रातों में
प्यारी बातों का जहाँ…।
पंछी गीत गुनगुना कर
बाँधे समा नया…।
*अख़्तर* बसा लो आँखों में
पहली बारिश का ये समा…।
✍🏻 *अख़्तर पठाण*
*(नासिक रोड)*