You are currently viewing ” नज़रिया “

” नज़रिया “

जागतिक साहित्य कला व्यक्तित्व विकास मंच की सदस्या तथा लेखिका कवयित्री सौ ज्योत्स्नाजी तानवडे की साकव्य हिंदी काव्य स्पर्धा में उत्कृष्ट क्रमांक प्राप्त हिंदी काव्यरचना

जिंदगी हसीन है उसिका हाथ थामकर ,
उसिके साथ साथ चल तू बनके हमसफर ||

बांट दे सारी खुशियाॅं,
जो तेरे दिल में है बसी।
कर निछावर खुलकर ,
तेरी बेहतरीन हॅंसी ।
देख फिर तेरी हॅंसी खिलेगी डाल पर
और तेरे गीत सुहाने झुलेंगे हवा पर ||

दिलों को जोडता चल ,
प्रेमका हाथ बढाकर।
दुखों को समेटता चल,
स्नेह मरहम लगाकर।
देख फिर तेरी दुनिया चहकेगी मुस्कानोंसे
और तेरा दामन भर जायेगा खुशियोंसे ||

अच्छी राहपर चलना,
खुदपे विश्वास कर।
बदीसे दूर रहके,
अपनोंका साथ देकर |
देख फिर तेरी मंजील होगी तेरे हाथ में
और तेरी दुनिया झुमेगी खुशहालीमें ||

*🎖उत्कृष्ट*
*ज्योत्स्ना तानवडे, पुणे*

प्रतिक्रिया व्यक्त करा