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यह कविता आपका भी छू लेगी दिल….

*किसने स्कूल चलाए थे?*

 

बच्चों की शिक्षा पर जब

संकट के बादल छाये थे

मास्टर जी ने मजे किये तो

किसने स्कूल चलाए थे?

 

शुरू हुआ था लॉकडाउन तो

इम्तिहान की बारी थी।

वार्षिक परिणामों की खातिर

पैपर चैकिंग जारी थी।।

जारी जो परिणाम हुए

क्या ऊपर से मंगवाए थे?

मास्टर जी ने मजे किए तो

किसने स्कूल चलाए थे?

 

अगलै सैशन की तैयारी

बच्चों से करवानी थी।

कुकिंग कोस्ट और किताबें

सही वक़्त पहुँचानी थी।।

बच्चों तक राशन पहुँचाने

कौन फरिश्ते आए थे?

मास्टर जी ने मजे किए तो

किसने स्कूल चलाए थे?

 

बच्चों के भावी जीवन को

लेकर सबसे आगे थे।

“हर-घर-स्कूल” बनाने वाले

शिक्षक सब जागे थे।।

ऑनलाईन कक्षा में हर दिन

किसने पाठ पढ़ाए थे?

मास्टर जी ने मजे किए तो

किसने स्कूल चलाए थे?

 

खतरे का माहौल था फिर भी

अपना फर्ज निभाना था।

हर हालत में पंचायत के

हर स्टेशन तक जाना था।।

जन- प्रतिनिधियों के चुनाव

किसने सम्पन्न कराए थे?

मास्टर जी ने मजे किए तो

किसने स्कूल चलाए थे?

 

स्वेच्छा से हर शिक्षक ने

जनसेवा के काम किए।

सरकारी आदेश हुए तो

ऑक्सीमीटर थाम लिए।।

बॉर्डर पर टूरिस्टों ने फिर

किसको पास दिखाए थे?

मास्टर जी ने मजे किए तो

किसने स्कूल चलाए थे?

 

डाटा- एन्ट्री फोटो- ग्राफी

टीकाकरण में शामिल थे।

कर डाला हर काम, सभी

शिक्षक इतने काबिल थे।।

शिक्षक ने कब कोई

आदेश कहीं ठुकराए थे?

मास्टर जी ने मजे किए तो

किसने स्कूल चलाए थे?

 

खेल-कूद, विज्ञान, गणित में

नाम कमाने वाले हैं।

विद्यार्थी जो शत -प्रतिशत

अंकों को लाने वाले हैं।।

देश के ये अनमोल नगीने

बोलो – कहाँ बनाए थे ?

मास्टर जी ने मजे किए तो

किसने स्कूल चलाए थे?

 

ब्रह्म और महेश्वर की

संज्ञा से जिसे नवाज़ा है।

गुरु नहीं वह मात्र, कई

बच्चों के दिल का राजा है।।

विद्या, आदर व अनुशासन

किसने तुम्हें सिखाए थे?

अध्यापक ने मजे किए तो

किसने स्कूल चलाए थे?

 

—  एक शिक्षक

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