*जागतिक साहित्य कला व्यक्तित्व विकास मंचच्या सन्मा सदस्या ज्येष्ठ लेखिका कवयित्री सौ.मंजिरी अनसिंगकर लिखित नवरात्रोत्सवा निमित्त अभंग रचना*
*आठवी माळ*
महालक्ष्मी पूजा | आठव्या माळेला ||
सज्ज अर्चनाला| भक्त जन||
अंगणी सुरेख | रेखिली रांगोळी||
रंगांनी सजली | रंगावली ||
केशरी पिवळा | झेंडू गेंदेदार ||
शोभे दारावर | तोरण हो ||
सुवासिक फुले | गुलाब, चमेली ||
शेवंती, सायली | पुष्पहार ||
हरिद्रा कुंकुम | तूप फुलवात ||
अष्टगंध ,राळ | धूपार्तीला ||
मुखवटा बने | गव्हाच्या पीठाचा ||
सुबक , लक्ष्मीचा | पूजेसाठी
सायंकाळी पूजा | होई मनोभावे |
पदार्थ ठेवावे | नैवेद्यास ||
महालक्ष्मी गाणी | सुरात गातात ||
फेर धरतात | हौशी स्त्रिया ||
घागरी फुंकणे | कार्यक्रम रात्री ||
महालक्ष्मी दात्री | आशिर्वाद ||
सौ. मंजिरी अनसिंगकर नागपूर

