*साहित्यिक पत्रकार ॲड.रूपेश पवार की लिखी हुई बेहतरीन गीत रचना*
*तेरे जन्म से शुरू हुई*
तेरे जन्म से शुरू हुई थी कृष्णा
श्रीमद भगवत गीता कहानी
जब जब यहां पर जुर्म बढ़ेगें
तेरा जन्म तो होता रहेगा
कंस नरेशने जुर्म बढ़ाया
अपनी बहन को कैद में डाला
तभी तुमने जन्म लेकर
धर्म कर्म का राज्य बनाया
मैया कहकर तूने पुकारा
यशोदाने सुख ही पाया
विश्वरूप फिर उसे दिखाया
ऐसी थी रे तेरी लीला
वृंदावन में खेल रच्याया
राधा रानी से जुड़ गया नाता
प्रीत का पाठ भी तूने पढ़ाया
प्रेम का मंदिर तूने बनाया
द्वारका नगरी को तूने संभाला
भामा, रुक्मणी थी दो भारा
स्वर्ग से सुंदर संसार तेरा
तीनों ने फिर राज्य को पाला
हस्तिनापुर में तू जा बेठा
द्रौपदी की लाज बचाने
पांडव पक्ष को तुने लेकर
कुरुक्षेत्र का भार उठाया
तुने कौरवों को बोहोत समझाया
समझ ना पाए ओ कभी
धर्म युद्ध का शंख बजार
ऐलान किया बस जंग का तुने
अर्जुन बोला मै ना लड़ूगा
सामने है जो मेरे अपने
तेरी वाणी ऐसी उजली
गीता हो गई सोच की धारा
गीता तुने खूब रचाई
मानव धर्म को सीख दिलाई
दैवी रथ का तू था सारथी
रथ के शीर्ष पर कपी बलशाली
धर्म, कर्म को तुने जिताया
क्षत्रियों को तुमने पाला
मन मीत तू बन गया सबका
प्यार भरा था तेरा रिश्ता
गीत रुपेश पवार
